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परमेश्वर का महान दिन
1 “देखो, वह धधकते भट्ठे के समान दिन आता है, जब सब अभिमानी और सब दुराचारी लोग अनाज की खूँटी बन जाएँगे; और उस आनेवाले दिन में वे ऐसे भस्म हो जाएँगे कि न उनकी जड़ बचेगी और न उनकी शाखा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है। (2 थिस्स. 1:8) 2 परन्तु तुम्हारे लिये जो मेरे नाम का भय मानते हो, धार्मिकता का सूर्य उदय होगा, और उसकी किरणों के द्वारा तुम चंगे हो जाओगे; और तुम निकलकर पाले हुए बछड़ों के समान कूदोगे और फाँदोगे। 3 तब तुम दुष्टों को लताड़ डालोगे, अर्थात् मेरे उस ठहराए हुए दिन में वे तुम्हारे पाँवों के नीचे की राख बन जाएँगे, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
4 “मेरे दास मूसा की व्यवस्था अर्थात् जो-जो विधि और नियम मैंने सारे इस्राएलियों के लिये उसको होरेब में दिए थे, उनको स्मरण रखो।
5 “देखो, यहोवा के उस बड़े और भयानक दिन के आने से पहले, मैं तुम्हारे पास एलिय्याह नबी को भेजूँगा। (मत्ती 11:14, मत्ती 17:11, मर. 9:12, लूका 1:17) 6 और वह माता पिता के मन को उनके पुत्रों की ओर, और पुत्रों के मन को उनके माता-पिता की ओर फेरेगा* 4:6 वह माता पिता के मन को उनके पुत्रों की ओर, और पुत्रों के मन को उनके माता-पिता की ओर फेरेगा: इस समय वे एक मन नहीं हैं और उस भिन्नता के कारण एक दूसरे से दूर हैं।; ऐसा न हो कि मैं आकर पृथ्वी को सत्यानाश करूँ।”
*4:6 4:6 वह माता पिता के मन को उनके पुत्रों की ओर, और पुत्रों के मन को उनके माता-पिता की ओर फेरेगा: इस समय वे एक मन नहीं हैं और उस भिन्नता के कारण एक दूसरे से दूर हैं।