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जीबा खे वशो रे करना
1 ओ प्यारे साथी विश्वासियो! तुसा बीचा ते बऊत मण्डल़िया रे उपदेशक नि बणो, कऊँकि तुसे जाणोए कि आसे उपदेशक ओर बी दोषी ठईरने। 2 आसे सब कई बार चूकी जाऊँए, पर जो कोई बोलणे रे नि चूकदा, सेई तो सिद्ध मांणू ए और से आपणे सारे शरीरो खे वशो रे करी सकोआ।
3 जेबे आसे कोड़ेया खे आपणे वशो रे करने खे तिना रे मुंओ रे लगाम लगाऊँए, तो आसे तिना रे सारे शरीरो खे बी फेरी सकूँए। 4 देखो जाह्ज बी हालाँकि इतणे बड़े ओए, और तेज अवा रे चलाए जाओए, तेबे बी एक छोटी जी पतवारा रे जरिए मांझियो री इच्छा रे मुताबिक कुमाए जाओए। 5 तिंयाँ ई जीब बी शरीरो रा एक छोटा जा अंग ए और बड़ी-बड़ी त्वाल़िया मारोई। देखो थोड़ी जी आगी साथे कितणे बड़े बणो रे आग लगी जाओई। 6 जीब बी एक आगी जेड़ी ए, जीब म्हारे शरीरो रे अंगा रे पापो रा एक लोक ए और सारे शरीरो रे कलंक लगाओई और पूरी जिन्दगिया री गतिया रे आग लगाई देओई और जीब बी नरको री आगी जेड़ी फूकदी रओई।
7 हर प्रकारा रे बणो रे डांगर, पंछी, रेंगणे वाल़े जन्तु और पाणिए रे रणे वाल़े तो मांणूआ रे वशो रे ऊई सकोए और ऊई बी गये रे। 8 पर जीबा खे मांणूआ बीचा ते कोई बी वशो रे नि करी सकदा, से एक एड़ी बयाद ए, जो कदी बी रूकदी नि, से जान लणे वाल़े सापो जेड़े विषे की फरी रिये। 9 इजी जीबा साथे आसे प्रभु और पिते री स्तुति करूँए और इजी साथे मांणूआ खे जो परमेशरो रे रूपो रे बणाई राखे, स्राप देऊँए। 10 एक ई मुंओ ते धन्यवाद और स्राप दोनो निकल़ोए। ओ प्यारे साथी विश्वासियो! एड़ा नि ऊणा चाईयो। 11 क्या सूबल़ा रे एकी ई मुंओ ते मीठा और खारा दोनो पाणी निकल़ोए? 12 ओ प्यारे साथी विश्वासियो! क्या दाऊगल़े रे डाल़ो रे जैतून या अँगूरा री बेला रे दाऊगल़े लगी सकोए? तिंयाँ ई खारी सूबल़ा ते मीठा पाणी नि निकल़ी सकदा।
स्वर्गो रा ज्ञान
13 तुसा बीचा ते ज्ञानी और समजदार कूणे? जो मांणू एड़ा ए, से आपणे कामो खे खरे चाल-चलणो ते तेसा नरमाईया साथे सामणे ल्याओ, जो ज्ञानो ते पैदा ओई। 14 पर तुसे आपणे-आपणे मनो रे कऊड़ी जल़न और स्वार्थ राखोए, तो सच्चो रे बिरोदो रे कमण्ड नि करना और ना ई चूठ बोलणा। 15 ये ज्ञान से निए, जो स्वर्गो ते उतरोआ, बल्कि संसारिक, शारीरिक और शैतानी ए। 16 इजी री खातर जेती जल़न और स्वार्थ ओआ, तेती बखेड़ा और हर प्रकारा रे बुरे काम ओए।
17 पर जो ज्ञान स्वर्गो ते आओआ, से पईले तो पवित्र ओआ, तेबे मिलणसार, नरम, खरे बिचार, दया और खरे फल़े की परे रा और पक्षपात और कपटो ते बिना ओआ 18 और जो लोक मेल-जोल कराणे वाल़े ए तिना शान्तिया रा बीज बोणा और धार्मिकता री फसल बाडणी।