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यूनुस नीनवा में
रब एक बार फिर यूनुस से हमकलाम हुआ, “बड़े शहर नीनवा जाकर उसे वह पैग़ाम सुना दे जो मैं तुझे दूँगा।”
इस मरतबा यूनुस रब की सुनकर नीनवा के लिए रवाना हुआ। रब के नज़दीक नीनवा अहम शहर था। उसमें से गुज़रने के लिए तीन दिन दरकार थे। पहले दिन यूनुस शहर में दाख़िल हुआ और चलते चलते लोगों को पैग़ाम सुनाने लगा, “ऐन 40 दिन के बाद नीनवा तबाह हो जाएगा।”
यह सुनकर नीनवा के बाशिंदे अल्लाह पर ईमान लाए। उन्होंने रोज़े का एलान किया, और छोटे से लेकर बड़े तक सब टाट ओढ़कर मातम करने लगे।
जब यूनुस का पैग़ाम नीनवा के बादशाह तक पहुँचा तो उसने तख़्त पर से उतरकर अपने शाही कपड़ों को उतार दिया और टाट ओढ़कर ख़ाक में बैठ गया। उसने शहर में एलान किया, “बादशाह और उसके शुरफ़ा का फ़रमान सुनो! किसी को भी खाने या पीने की इजाज़त नहीं। गाय-बैल और भेड़-बकरियों समेत तमाम जानवर भी इसमें शामिल हैं। न उन्हें चरने दो, न पानी पीने दो। लाज़िम है कि सब लोग जानवरों समेत टाट ओढ़ लें। हर एक पूरे ज़ोर से अल्लाह से इल्तिजा करे, हर एक अपनी बुरी राहों और अपने ज़ुल्मो-तशद्दुद से बाज़ आए। क्या मालूम, शायद अल्लाह पछताए। शायद उसका शदीद ग़ज़ब टल जाए और हम हलाक न हों।”
10 जब अल्लाह ने उनका यह रवैया देखा, कि वह वाक़ई अपनी बुरी राहों से बाज़ आए तो वह पछताया और उन पर वह आफ़त न लाया जिसका एलान उसने किया था।