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अल्लाह की मदद पर शुक्रगुज़ारी
रब का शुक्र करो, क्योंकि वह भला है, और उस की शफ़क़त अबदी है।
इसराईल कहे, “उस की शफ़क़त अबदी है।”
हारून का घराना कहे, “उस की शफ़क़त अबदी है।”
रब का ख़ौफ़ माननेवाले कहें, “उस की शफ़क़त अबदी है।”
 
मुसीबत में मैंने रब को पुकारा तो रब ने मेरी सुनकर मेरे पाँवों को खुले मैदान में क़ायम कर दिया है।
रब मेरे हक़ में है, इसलिए मैं नहीं डरूँगा। इनसान मेरा क्या बिगाड़ सकता है?
रब मेरे हक़ में है और मेरा सहारा है, इसलिए मैं उनकी शिकस्त देखकर ख़ुश हूँगा जो मुझसे नफ़रत करते हैं।
 
रब में पनाह लेना इनसान पर एतमाद करने से कहीं बेहतर है।
रब में पनाह लेना शुरफ़ा पर एतमाद करने से कहीं बेहतर है।
 
10 तमाम अक़वाम ने मुझे घेर लिया, लेकिन मैंने अल्लाह का नाम लेकर उन्हें भगा दिया।
11 उन्होंने मुझे घेर लिया, हाँ चारों तरफ़ से घेर लिया, लेकिन मैंने अल्लाह का नाम लेकर उन्हें भगा दिया।
12 वह शहद की मक्खियों की तरह चारों तरफ़ से मुझ पर हमलाआवर हुए, लेकिन काँटेदार झाड़ियों की आग की तरह जल्द ही बुझ गए। मैंने रब का नाम लेकर उन्हें भगा दिया।
13 दुश्मन ने मुझे धक्का देकर गिराने की कोशिश की, लेकिन रब ने मेरी मदद की।
14 रब मेरी क़ुव्वत और मेरा गीत है, वह मेरी नजात बन गया है।
 
15 ख़ुशी और फ़तह के नारे रास्तबाज़ों के ख़ैमों में गूँजते हैं, “रब का दहना हाथ ज़बरदस्त काम करता है!
16 रब का दहना हाथ सरफ़राज़ करता है, रब का दहना हाथ ज़बरदस्त काम करता है!”
17 मैं नहीं मरूँगा बल्कि ज़िंदा रहकर रब के काम बयान करूँगा।
18 गो रब ने मेरी सख़्त तादीब की है, उसने मुझे मौत के हवाले नहीं किया।
 
19 रास्ती के दरवाज़े मेरे लिए खोल दो ताकि मैं उनमें दाख़िल होकर रब का शुक्र करूँ।
20 यह रब का दरवाज़ा है, इसी में रास्तबाज़ दाख़िल होते हैं।
 
21 मैं तेरा शुक्र करता हूँ, क्योंकि तूने मेरी सुनकर मुझे बचाया है।
22 जिस पत्थर को मकान बनानेवालों ने रद्द किया वह कोने का बुनियादी पत्थर बन गया।
23 यह रब ने किया और देखने में कितना हैरतअंगेज़ है।
24 इसी दिन रब ने अपनी क़ुदरत दिखाई है। आओ, हम शादियाना बजाकर उस की ख़ुशी मनाएँ।
25 ऐ रब, मेहरबानी करके हमें बचा! ऐ रब, मेहरबानी करके कामयाबी अता फ़रमा!
 
26 मुबारक है वह जो रब के नाम से आता है। रब की सुकूनतगाह से हम तुम्हें बरकत देते हैं।
27 रब ही ख़ुदा है, और उसने हमें रौशनी बख़्शी है। आओ, ईद की क़ुरबानी रस्सियों से क़ुरबानगाह के सींगों के साथ बान्धो।
 
28 तू मेरा ख़ुदा है, और मैं तेरा शुक्र करता हूँ। ऐ मेरे ख़ुदा, मैं तेरी ताज़ीम करता हूँ।
29 रब की सताइश करो, क्योंकि वह भला है और उस की शफ़क़त अबदी है।