मत्‌ती. 24. ईसु मंदीर सी नीकळीन जवा बाज र्‌यो हतो ता तीना चेला मंदीर नी बणावट ने देखाड़वा करीन तीनी ह़ाते आया। पण ईसु तीमने केदो, तमु आने ह़ुदा उबा हय रेला देख र्‌या? पण मे तमने ह़ाचलीन केम, आञे ह़ारीक आहया मंदीर ना दगड़ा पोर दगड़ो बी नी रेय। आहयु आखु ओदार नाखहे। जत्‌यार ईसु जेतुन बड़ा पोर पुगीन बह ज्‌यो, ता चेला एक धेड़े ईसु ह़ाते आवीन केदा, आमने देखाड़, आहयु आखु कत्‌यार हयहे? अने तारी आव्‌वा नी अने कळजुग खत्‌तम हयवा नी सेलाणी ह़ु रेहे? ईसु तीमने जपाप आप्‌यो, चेतीन रेवो। कोय तमने धोको नी दी देय। काहाके घणा माणहु मारु नाम लीन आवह़े अने केहे, “मेत मसी से, अने तीहया घणा ढेरका माणहु ने भटकाड़ देहे।” तमु लड़ाय अने झगड़ा नो हुकवाड़ो ह़मळह़ु। आहयी वात ह़मळीन तमु घबरायजो नी, काहाके ईसम ते हयहेन-हयहे। पण तीहयी टेमे खत्‌तम नी हये। आखी जाती ना माणहु आंबा-सांबा झगड़ो करवा करीन हुहड़ीन जहे। एक राज्‌य ना माणहु बीजा राज्‌य ना माणहु भणी झुमायवा जहे। जां तां काळ पड़हे। अने जां तां भुकम्‌प हयहे। आहयु आखु आव्‌वा वाळी गरा नी सुरुवात से। मारा नाम नी करते आखी जाती ना माणहु तमारी सी ह़ीगी करहे, अने तीहयी टेमे माणहु तमने वेला पड़ाव्‌वा करीन धरावह़े अने तीहया तमने मार नाखहे। तीहयी टेमे घणा ढेरका माणहु मार पोर गेथो भरहो सोड़ देहे। अने तीहया एक-बीजा ने धरावह़े, अने एक-बीजा सी ह़ीगी करहे। अने ढेरेत झुटा भगवान वगे गेथा केण्‌या माणहु आय लागहे। अने घणा ढेरका माणहु ने भगवान ना भरहा गेथा सेटा कर देहे। पाप करन्‌या वदवा सी घणा ढेरका माणहु नो मोंग टाडो पड़ जहे। बाखीन जे आखरी लग दम धरहे, तीनेत छुटकारो जड़हे। आहयी कळी ना आखी जाती ना माणहु ने खुस-खबर नी गवा राखवा करीन तीमनी मे भगवान ना राज नी आहयी खुस-खबर नु परच्‌यार हयहे, अने अळतेण कळजुग खत्‌तम हयवा नी टेम आय लागहे एतरे जत्‌यार तमु खत्‌तम करवा वाळी चीज ने मंदीर ना चोखला जागा मे उबी हय रेली देखो, जीना बारा मे भगवान वगे गेथो केण्‌यो दानीयल केदलो हतो; भणवा वाळो ह़मजी लेवा जोवे के आनु मतलब ह़ु से? ता, तीहयी टेमे जे माणहु युहद्‌या मे हय, तीहया बड़ा पोर नाह जवा जोवे; अने जे घोर नी छत पोर हय, तीहयो आह़फा ना घोर नु ह़मान लेवा हेटो नी उतरवा जोवे; जे खेतर मे हय, तीहयो आह़फा ना लुगड़ा लेवा करीन पासो नी आव्‌वा जोवे। तीहया दाड़ा मे जे बयर भारेपोगे हहे अने सोरु ने धाय धवाड़ती हहे, तीनी जुगु गरा ना दाड़ा केवायहे! वीन्‌ती कर्‌या करो के ह़ीयाळा ना दाड़ा मे, नीता अराम ना दाड़े नाहवा नी पड़े; काहाके तीहयी टेमे घण-जबर गरा आवह़े, भगवान कळ घड़्‌यो तत्‌यार गेथी हजु लग एतरी मोटी गरा नी आवी हय, एतरी मोटी गरा आवह़े। अने अळी एवी गरा कदी नी आवे। कदीम मालीक तीहया दाड़ा ने कम नी करतो, ता एक बी जीव नी बचता; बाखीन टाळला माणहु नी करते जीमने तीहयो टाळलो से, तीहया गरा ना दाड़ा ने तीहयो कम कर देदलो से। तीहयी टेमे कदीम कोय तमने केय, “देखो! मसी आञे से ता तमु भरहो नी करजो।” काहाके झुटा मसी अने भगवान नु नाम लीन झुट मेकण्‌या माणहु देखाव पड़हे, अने एवी भारी सेलाणी अने सेल-भात्‌या कामु देखाड़हे, हय सके ता तीहया टाळला माणहु ने बी भगवान ना भरहा गेथा सेटा करवा नी कोसीत करहे। देखो, आहयी आखी वात मे तमने पेले गेथोत की र्‌यो। कदीम तीहया तमने केय, देखो, ह़ेलो उजाड़ी बड़ा मे से, ता तमु तां नी जजो; नीता, तीहया केय, “तीहयो आञे ह़ारीक कोपरा मे से, ता भरहो नी करजो।” काहाके जीसम वीजळी उगवणी गेथी नीकळीन बुडवणी लग वीजळे, तेमेत मनख्‌या नो सोरो बी उजन्‌तो आवह़े! जां बी धोड़ रेहे, तांत घुवड़्‌या बी भेळा हय जहे। तीहया दाड़ा मे जत्‌यार वेला पड़हे अने अळतेण दाहड़ु काळु पड़ जहे, चांद वीजाळु नी आपे, ह़रगे गेथा तारा हेटा पड़ जहे, अने ह़रग नी ताखत हीलाय देहे। तीहयी टेमे ह़रगे गेथा मनख्‌या ना सोरा नी आव्‌वा नी सेलाणी देखाव पड़हे। धरती पोर रेण्‌या आखी जातीन माणहु फुकु-फुकु रड़हे, अने मनख्‌या ना सोरा ने मोटी ताखत भेळ, अने बड़ाय भेळ ह़रग ना वादळा पोर आवत्‌लो देखहे। तीहयो फेपार्‌या वाजा भेळे आह़फा ना ह़रगदुत ने मोकलहे अने तीहया आखी धरती पोर गेथा तीना टाळला माणहु ने भेळा करहे। गुलर ना झाड़ ना दाखला नी लारे कंय ह़ीको। जत्‌यार तीना डाळ्‌या मे कुमळ्‌ळा डीरा फुटवा बाज जाय अने नवला पान्‌टा नीकळवा बाज जाय, ता तमु जाण लेवो के उनाळो आव्‌वा बाज र्‌यो। आहयीत रीते जत्‌यार तमु मारी केदली आखी वात हयत्‌ली देखो, ता जाण लेवो के तीहयो ह़ाते से, अने झापलात पोर से। मे तमने ह़ाचलीन केम के आहयी पीड़ी ना माणहु ने खत्‌तम हयवान पेलेत मारी केदली वात पुरी हयहे। ह़रग अने धरती टळ जाय, पण मारी वात कदी नी टळे। मनख्‌या ना सोरा नो आव्‌वा नो दाड़ो अने टेम ना बारा मे कोयने मालम नी हय, नीता ह़रगदुत ने अने नीता सोरा ने आहयो दाड़ो अने टेम नीस्‌तो भगवान बाह एतरोत जाणे। जीसम नुहा ना दाड़ा मे हयलु हतु, तेमेत मनख्‌या नो सोरो आवह़े, तीहया दाड़े बी हयहे। जे दाड़े तक नुहो मोट्‌ला ढुंड्‌या मे नी भरायो, तांह तक माणहु खाता-पीता, अने वेवा करता हता। अने उचकाहलोत पाणी आयो, अने तीहयो आखा ने डुबाड़ीन मार नाख्‌यो, तांह तक आनु कोयने कंय मालम नी पड़्‌यु तेमेत मनख्‌यान सोरा नु आवणु बी रेहे। तीहयी टेमे बे अदमी खेतर मे हहे, ता एक ने चुट लेहे, अने बीजो री जहे। बे बयरा घट्‌ये दळता हहे, एक जणी ने चुट लेहे, अने बीजी ने रेवा देहे। एतरे जागीन चेतीन रेवो, काहाके तमने नी मालम के तमारो मालीक काना दाड़े आवह़े। आहयु वारु रीते ह़मजी लेवो, कदीम घोर ना मालीक ने मालम रेय के चोट्‌टो राते कानी टेमे आवह़े, ता तीहयो जागलो रेय अने आह़फा ना घोर मे चोरी नी हयवा देय। एतरे तमु बी तीयार रेवो, काहाके जे घड़ी ना बारा मे तमु सोचो बी नी, तीहयी घड़ी मनख्‌या नो सोरो आय लागहे। “एवो कोय ईमानदार अने अक्‌कल वाळो, चाकर्‌यो से, जीने तीनो मालीक आह़फा ना घोर ना पावर्‌या नो मुखी बणावे। अने केय के तु मारा पावर्‌या ने टेमे-टेमे खावा-पीवा नी चीज आप्‌या करजे? जुगाळो से तीहयो पावर्‌यो, जीनो मालीक आवे, तत्‌यार तीहयो तीने ह़ोपलु काम करत्‌लो देखे। मे तमने ह़ाचलीन केम, तीहयो मालीक तीने, आह़फा ना आखा माल-धन पोर मुखी बणावीन ठेरावहे। पण कदीम तीहयो बेमान पावर्‌यो तीना मन मे आहयो वीच्‌यार करे के मारा मालीक नी आव्‌वा मे वार से। करीन तीहयो बीजा ह़ाती पावर्‌या ने ठोकवा, अने बीजा ह़रांग्‌या ह़ाते खाय-पीय। ता तीहया पावर्‌या नो मालीक एवा दाड़े आवह़े, जत्‌यार तीहयो तीनी वाट नी जोय र्‌यो हय। अने एवी टेम मे आवह़े, जे तीने मालम नी हय। अने मालीक तीने घण भारी डंड आपहे, अने ढोंगड़ा करन्‌या ह़ाते भेसकी देहे, अने तीहया तां ह़ारीक फुकु-फुकु रड़हे अने दातु ककड़ावता रेहे।”