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1 जिस तरियां इस्राएली माणसां म्ह झूठ्ठे नबी थे, उस्से ढाळ थारे म्ह भी झूठ्ठे शिक्षक होंगे, वे थारे ताहीं चुपके तै झूठ्ठी शिक्षा सिखावैंगे, जिसकी बजह तै लोग मसीह पै बिश्वास न्ही करैगें, वे झूठ्ठे शिक्षक मसीह ताहीं अपणा प्रभु न्ही मान्नैगें, जिसनै उन ताहीं मोल लिया सै, अर पाप की शक्ति तै आजाद करया सै, इस तरियां वे चाणचक अपणे-आप ताहीं नाश कर लेवैगें। 2 घणखरे जो कहवैगें के हम बिश्वासी सां, वे उनकी ढाळ लुचपण के सुभाव नै अपणावैगे, अर उनके कारण जो लोग बिश्वासी कोनी सच के राह की बुराई करैगें। 3 ये शिक्षक लालची होंगे, अर थारे तै धन पाण कै खात्तर मनघडन्त कहाँनी सुणाकै थारे ताहीं धोक्खा देवैगें, परमेसवर नै भोत पैहले फैसला ले लिया था, के वो उन ताहीं दण्ड देवैगा, अर वो यो करण आळा सै, वो सच म्ह उन ताहीं नाश करण आळा सै। 4 क्यूँके जिब परमेसवर नै उन सुर्गदूत्तां ताहीं जिननै पाप करया था, उन ताहीं माफ न्ही करया, पर उन ताहीं नरक म्ह भेजकै अँधेरे कुण्डां म्ह गेर दिया ताके न्याय कै दिन ताहीं कैदी रहवै। 5 थम यो भी जाणो सों, के जो लोग भोत पैहले जिन्दा थे, उन म्ह परमेसवर का भय न्ही था, परमेसवर नै उनकी बुराईयाँ ताहीं नजरअंदाज कोनी करया, जो उननै करी थी, पर उन ताहीं बाढ़ के जरिये नाश कर दिया, उन म्ह तै परमेसवर नै आठ माणसां ताहीं बचाया जिस म्ह नूह भी था, जिसनै धार्मिकता का प्रचार करया। 6 थम यो भी जाणो सों, के जो लोग भोत पैहल्या सदोम अर अमोरा के नगर म्ह रहवै थे, परमेसवर नै उन ताहीं भी दण्ड दिया, क्यूँके उननै भोत बुरे काम करे थे, अर उन ताहीं आग म्ह भस्म करकै राख बणा दिया। इसा करण के जरिये उसनै दिखा दिया, के उन माणसां का के होगा जो उसका कहणा न्ही मानते। 7 सदोम नगर का नाश करण तै पैहले उसनै, लूत जो के एक धर्मी माणस था, उस ताहीं उस नगर तै लिकाड़कै उस ताहीं बचा लिया। लूत दुखी था क्यूँके सदोम नगर के लोग परमेसवर का कोए भी हुकम कोनी मान्नै थे, अर वे भोत बुरे काम करै थे। 8 वो उन बुरे माणसां के बीच म्ह रहवै था, अर हरेक दिन उनके बुरे काम्मां नै देक्खै था जो वे करै थे, अर बुरी बात्तां नै सुणै था जो वे बोल्लै थे, अर ये सारी बात उस ताहीं दुखी करै थी, क्यूँके वो धर्मी माणस था। 9 वे सारी बात जो परमेसवर नै पुराणे बखत म्ह करी सै, वे ये दिखावै सै, के परमेसवर पवित्र माणसां नै मुसीबतां तै किस तरियां बचावै सै, अर न्याय होण के दिन तक बुरे माणसां नै लगातार दण्ड दिया जावै। 10 परमेसवर बुरे माणसां नै दण्ड देवैगा, खास करकै उन झूठ्ठे शिक्षकां नै जो अशुद्ध अभिलाषायां कै पाच्छै देह कै मुताबिक चाल्दे, अर प्रभुता नै तुच्छ जाणै सै। वे ढ़ीठ, अर जिद्दी सै, अर सुर्गीय चिज्जां के बारें म्ह आच्छा-भुंडा कहण तै न्ही डरदे। 11 तोभी सुर्गदूत जो झूठ्ठे शिक्षकां तै अर सामर्थ म्ह उनतै बड़े सै, प्रभु कै स्याम्ही जिब उन झूठ्ठे शिक्षकां पै दोष लगावै सै तो वे अपमानजनक बात कहकै उनकी बुराई न्ही करदे। 12 पर ये झूठ्ठे शिक्षक जंगली-जानवरां की तरियां सै, ये जानवर न्ही जाणते के किस तरियां सोचणा सै, अर उनका मकसद पकड़े जाणा अर मरणा सै। ये लोग भी वोए काम करै सै जो इनकै मन म्ह आवै सै, अर उन चिज्जां के बारें म्ह बुराई करै सै, जिसके बारें म्ह वे न्ही समझते, वे नाश हो जावैंगे। 13 दुसरयां का बुरा करण कै बदले उन्हे का बुरा होवैगा। उननै दिन-दोफारी म्ह भोग-विलास करणा आच्छा लाग्गै सै। ये थारे पै कलंक अर दोष सै, जिब वे थारे गेल्या प्रीति भोज म्ह शामिल होवै सै, तो अपणे छलावे का आनन्द ले सै। 14 वो हरेक जनानी नै देखकै उसके साथ जारी करणा चाहवै सै, अर पाप करण का मौक्का टोहवै सै, ये उन माणसां ताहीं धोक्खा देवै सै जो परमेसवर पै पक्का बिश्वास कोनी राखदे, अर उन ताहीं पाप करण खात्तर उकसावै सै, उनकी सदा बढ़दी रहण आळी लालसा के कारण परमेसवर उन ताहीं दण्ड देवैगा। 15 उननै वो करणा छोड़ दिया सै, जो सही सै, अर उननै बओर के बेट्टे बिलाम की तरियां बुरे काम करणे शरु कर दिए, जो उसनै भोत पैहले करे थे, क्यूँके उसनै बुरे काम्मां तै पईसा कमाणा चाह्या। 16 पर परमेसवर नै बिलाम नबी की गधी के जरिये उस ताहीं डांटा-फटकारा जो बुरे काम वो करण जावै था, हालाकि गधी जो बोल न्ही सकै थी, उसनै बिलाम नबी तै इन्सान की वाणी म्ह बात करी, जिब वो राजा तै मिलण जाण लागरया था, तो गधी नै बिलाम नबी ताहीं उसकै बावळेपण तै रोक्या। 17 ये झूठ्ठे शिक्षक उस बेकार पाणी के चोवै की तरियां सै जो सूख लिया सै, अर ये उस बाद्दळ की तरियां भी सै जिस ताहीं बारिस तै पैहले हवा उड़ा ले जावै सै, परमेसवर नै उन खात्तर, अनन्त अन्धकार म्ह जगहां राक्खी सै। 18 जिब वे माणसां नै सिखावै सै तो वो बेकार के अर घमण्डी शब्दां नै इस्तमाल करै सै, वे माणसां नै समझावै सै के वो बुरे काम कर सकै सै जो उनकी देह करणा चाहवै सै, अर उन माणसां तै भी दुबारा धोक्खें तै पाप करवाणा चाहवै सै, जो बुरी जिन्दगी तै बाळ-बाळ बचे सै। 19 ये झूठ्ठे शिक्षक माणसां ताहीं कहवै सै के थम सारे काम करण खात्तर आजाद सों, जो थम करणा चाहों सों, पर वो खुद गुलाम की तरियां सै, क्यूँके उनका पापी सुभाव उन ताहीं बुरे काम करवावै सै, थम हर उस चीज के गुलाम सों जो थमनै काब्बू करै सै। 20 माणस इस दुनिया की बुराईयाँ तै भाज्जै सै जिब वो मसीह यीशु नै अपणा उद्धारकर्ता मान लेवै सै, पर वे फेर तै बुरे काम करण लाग्गै सै, अर वे बुरी चीज उन ताहीं काब्बू म्ह राक्खै सै, इब उनकी दशा जो के मसीह नै छोड़ देण तै सै, वो पैहल्ड़ी दशा तै भी भुंडी सै, जिब उननै मसीह पै बिश्वास करया था। 21 मेरे कहण का मतलब यो सै, के परमेसवर उन माणसां ताहीं घणा दण्ड देवैगा जो मसीह ताहीं छोड़ देवै सै, उन माणसां तै ज्यादा जो उस ताहीं कदे न्ही अपणादे, उन खात्तर यो ठीक होन्दा के वो कदे न्ही जाणते के धार्मिकता का जीवन किस तरियां जीणा सै, उन ताहीं बेरा सै के सही के सै, पर वो परमेसवर के हुकम नै कोनी मानते जो हम प्रेरितां नै उन ताहीं सिखाये सै। 22 उनपै ये दो कहावत सही बेठ्ठै सै, के कुत्ता अपणी उलटी नै चाट्टै सै, अर नुहाई होई सुरी कीचड़ म्ह लोट्टण कै खात्तर फेर चली जावै सै।