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बारहां प्रेरितां का भेज्या जाणा
1 फेर उसनै अपणे बारहां चेल्यां ताहीं बुलाकै उननै सारी ओपरी आत्मायाँ अर बिमारियाँ ताहीं दूर करण की सामर्थ अर हक दिया, 2 अर उननै परमेसवर कै राज्य का प्रचार करण अर बिमारां ताहीं आच्छा करण खात्तर भेज्या। 3 उसनै उनतै कह्या, “राह खात्तर कुछ ना लियो, ना तो लाठ्ठी, ना झोळी, ना रोट्टी, ना रपिये अर ना दो-दो कुड़ते। 4 जिस किसे घर म्ह उतरो, उड़ैए रहो, अर उड़ैए तै बिदा होइयो। 5 जो कोए थमनै न्ही अपणावै, उस नगर तै जान्दे होए अपणे पायां की धूळ झाड़ दियो के उनपै गवाही होवै।” 6 आखर म्ह वे लिकड़कै गाम-गाम सुसमाचार सुणान्दे, अर हरेक माणसां नै ठीक करदे होए हांडदे रहे।
हेरोदेस की उळझन
7 चौथाई देश के गलील परदेस का राजा हेरोदेस यो सारा सुणकै घबराग्या, क्यूँके कईयाँ नै कह्या, के यूहन्ना मरे होया म्ह तै जिन्दा होया सै, 8 अर कईयाँ नै न्यू कह्या के एलिय्याह दिख्या सै, अर औरां नै न्यू के पुराणे नबियाँ म्ह तै कोए जिन्दा होया सै। 9 पर हेरोदेस नै कह्या, “यूहन्ना का तो मन्नै सिर कटवाया, इब यो कौण सै जिसकै बाबत इसी बात सुणु सूं?” अर उसनै उस ताहीं देखण की चाहन्ना करी।
पाँच हजार माणसां ताहीं खुवाणा
10 फेर प्रेरितां नै बोहड़कै जो कुछ उननै करया था, उस ताहीं बता दिया, अर वो उननै न्यारे करकै बैतसैदा नामक नगर म्ह लेग्या। 11 न्यू जाणकै भीड़ उसकै पाच्छै हो ली, अर वो राज्जी होकै उनतै मिल्या, अर उनतै परमेसवर कै राज्य की बात करण लाग्या, अर जो चंगे होणा चाहवै थे उन ताहीं ठीक करया।
12 जिब दिन छिपण लाग्या तो बारहां नै आकै उसतै कह्या, “भीड़ नै जाणदे के चौगरदे के गाम्मां अर बस्तियाँ म्ह जाकै ठहरै अर खाणे का जुगाड़ करै, क्यूँके हम उरै बियाबान जगहां म्ह सां।”
13 यीशु नै उनतै कह्या, “थमे उननै खाण नै द्यो।” उननै कह्या, “म्हारै धोरै पाँच रोट्टी अर दो मच्छियाँ नै छोड़कै और कुछ कोनी, पर हाँ, जै हम जाकै इन सारया खात्तर खाणा मोल ल्यावां, फेर हो सकै सै।” वे माणस तो पाँच हजार माणसां कै करीबन थे। 14 फेर उसनै अपणे चेल्यां तै कह्या, “उननै पचास-पचास करकै लैणपतार म्ह बिठा द्यो।” 15 उननै न्यूए करया, अर सारया ताहीं बिठा दिया। 16 फेर यीशु नै वे पाँच रोट्टी अर दो मच्छियाँ ली, सुर्ग कान्ही लखाकै परमेसवर का धन्यवाद करया, अर रोट्टी तोड़-तोड़कै चेल्यां ताहीं देंदा गया के माणसां ताहीं बांडै। 17 फेर सारे खाकै छिकगे, अर चेल्यां नै बचे होड़ टुकड्या तै भरी होई बारहां टोकरी ठाई।
पतरस का यीशु ताहीं मसीह स्वीकार करणा
18 जिब वो एक्ले म्ह प्रार्थना करै था अर चेल्लें उसकै गेल्या थे, तो उसनै उनतै बुझ्झया, “माणस मन्नै के कहवै सै?”
19 उननै जवाब दिया, “यूहन्ना बपतिस्मा देण आळा, अर कोए एलिय्याह, अर कोए यो के पुराणे नबियाँ म्ह तै कोए जिन्दा होया सै।”
20 उसनै उनतै बुझ्झया, “पर थम मन्नै के कहो सो?” पतरस नै जवाब दिया, “परमेसवर का मसीह।” 21 फेर उसनै उनतै चिताकै कह्या के यो किसे तै ना कहियो।।
अपणी मौत कै बारै म्ह यीशु की भविष्यवाणी
22 फेर उसनै कह्या, “मुझ माणस कै बेट्टे खात्तर जरूरी सै के मै घणा दुख ठाऊँ, अर यहूदी अगुवें, प्रधान याजक अर शास्त्री मन्नै तुच्छ समझकै मार देवै, अर मै तीसरे दिन जिन्दा हो जाऊँगा।”
यीशु कै पाच्छै चाल्लण का मतलब
23 उसनै सारया तै कह्या, “जो कोए मेरै मेरा चेल्ला बणणा चाहवै, वो अपणी ए इच्छा पूरी ना करै बल्के हरेक दिन अपणे दुखां का क्रूस ठाकै, मेरै पाच्छै हो लेवै। 24 क्यूँके जो कोए अपणी जान बचाणा चाहवैगा वो उसनै खोवैगा, पर जो कोए मेरी खात्तर अपणी जान खोवैगा वोए उसनै बचावैगा। 25 जै माणस सारी दुनिया नै पा लेवै अर अपणी जान खो दे या उसका नुकसान ठावै, तो उसनै के फायदा? 26 जो कोए मेरै तै अर मेरी बात्तां तै सरमावैगा, मै माणस का बेट्टा भी, जिब अपणी अर अपणे पिता की अर पवित्र सुर्गदूत्तां की महिमा सुधां आऊँगा, तो उसतै सरमावैगा।
27 “मै थमनै साच्ची कहूँ सूं, के जो याड़ै खड़े सै, उन म्ह तै कुछ इसे सै के जिब ताहीं परमेसवर का राज्य ना देख लेवैं, जद ताहीं मौत उननै कदे छू भी न्ही पावैगी।”
यीशु का रूपान्तर
28 इन बात्तां कै कोए आठ दिनां पाच्छै वो पतरस, यूहन्ना अर याकूब नै गेल्या लेकै प्रार्थना करण खात्तर पहाड़ पै गया। 29 जिब वो प्रार्थना करै था, तो उसके मुँह का रूप बदल ग्या, अर उसके लत्ते धोळे होकै चमकण लाग्गे। 30 अर लखाओ, मूसा नबी अर एलिय्याह नबी ये दो माणस उसकै गेल्या बतळावै थे। 31 ये महिमा सुधां दिक्खे अर यीशु के मरण का जिक्र करै थे, जो यरुशलेम म्ह होण आळा था। 32 पतरस अर उसके साथी नींद म्ह होरे थे, अर जिब ठीक तरियां सोध्दी म्ह आए, तो उसकी महिमा अर उन दो माणसां नै, जो उसकै गेल्या खड़े थे, देख्या। 33 जिब वे उसकै धोरै तै जाण लाग्गे, तो पतरस नै यीशु तै कह्या, “हे माल्लिक, म्हारा उरै रहणा भला सै: आखर म्ह हम तीन मण्डप बणावा, एक तेरे खात्तर, एक मूसा नबी खात्तर, एक एलिय्याह नबी कै खात्तर।” उसनै बेरा कोनी था के कह के रह्या सै।
34 वो न्यू कहवैए था के एक बाद्दळ आकै उनपै छाग्या, अर जिब वे उस बाद्दळ तै घिरण लाग्गे तो वे डरगे। 35 फेर उस बाद्दळ म्ह तै या वाणी लिकड़ी, “यो मेरा बेट्टा अर मेरा चुण्या होया सै, इसकी सुणो।” 36 या आवाज होन्दे यीशु एक्ला होग्या, अर वे बोल-बाल्ले रहे, अर जो कुछ देख्या था उसकी कोए बात उन दिनां म्ह किसे तै न्ही कही।
एक बाळक ताहीं ठीक करणा जिस म्ह ओपरी आत्मा थी
37 दुसरे दिन जिब वो पहाड़ तै उतरया तो एक बड्डी भीड़ उसतै आ मिली। 38 अर लखाओ, भीड़ म्ह तै एक माणस नै किल्की मारकै कह्या, “हे गुरु, मै तेरे तै बिनती करुँ सूं के मेरे बेट्टे पै दया की निगांह फेर दे, क्यूँके वो मेरा एक्ला बेट्टा सै। 39 अर दे, एक भुंडी ओपरी आत्मा उसनै पकड़ै थी, अर वो चाणचक किल्की मारै था, अर वा उसनै इसा मरोड़ै थी के वो मुँह म्ह तै झाग भर लावै सै, उसनै रोंदकै घणी मुश्किल तै छोड्डै थी। 40 मन्नै तेरे चेल्यां तै बिनती करी के उसनै लिकाड़ै, पर वे कोनी काढ सके।”
41 यीशु नै जवाब दिया, “हे अबिश्वासी अर जिद्दी माणसों, मै कद ताहीं थारे गेल्या रहूँगा अर थारी सहूँगा? अपणे बेट्टे नै उरै लिया।”
42 जिब वो आवै था तो ओपरी आत्मा नै उस ताहीं पटककै मरोड्या, पर यीशु नै उस ओपरी आत्मा ताहीं धमकाया अर छोरे ताहीं ठीक करकै पिता तै थमा दिया। 43 फेर सारे माणस परमेसवर कै घणे सामर्थ तै हैरान होए। पर जिब सारे माणस उन सारे काम्मां तै जो वो करै था, हक्के-बक्के थे, तो उसनै अपणे चेल्यां तै कह्या,
अपणी मौत का बारै म्ह यीशु की दुबारा भविष्यवाणी
44 “थम इन बात्तां पै गौर करो, क्यूँके मै माणस का बेट्टा माणसां कै हाथ्थां म्ह पकड़वाया जाण पै सूं।” 45 पर वे इस बात नै कोनी समझै थे, अर या बात उनतै लुक्ही रही के उननै उसका बेरा न्ही पाट्टै, अर वे इस बात कै बारै म्ह उसतै बुझ्झण तै डरै थे।
सारया तै बड्ड़ा कौण
46 फेर उन म्ह या बहस होण लाग्गी के म्हारै तै बड्ड़ा कौण सै। 47 पर यीशु नै उनकै मन के विचारां ताहीं पढ़ लिया, अर एक बाळक नै लेकै अपणे धोरै खड्या करया, 48 अर उनतै कह्या, “जो कोए मेरै नाम तै इस बाळक नै अपणावै सै, वो मन्नै अपणावै सै, अर जो कोए मन्नै अपणावै सै, वो मेरै भेजण आळे नै भी अपणावै सै, क्यूँके जो थारे म्ह सारया म्ह छोट्टे तै छोट्टा सै, वोए बड्ड़ा सै।”
जो बिरोध म्ह न्ही, वो मेरै म्ह सै
49 फेर यूहन्ना नै कह्या, “हे स्वामी, हमनै एक माणस ताहीं तेरे नाम तै ओपरी आत्मा लिकाड़दे देख्या, अर हमनै उसतै मना करया, क्यूँके वो म्हारी तरियां तेरा चेल्ला न्ही था।” 50 यीशु नै उसतै कह्या, “उसनै नाट्टो ना, क्यूँके जो थारे बिरोध म्ह न्ही, वो थारे कान्ही सै।”
सामरियाँ द्वारा यीशु का बिरोध
51 जिब उसके उप्पर ठाए जाण के दिन पूरे होण पै थे, तो उसनै यरुशलेम जाण का विचार पक्का करया। 52 उसनै अपणे आग्गै दूत भेज्जै। वे सामरियाँ कै एक गाम म्ह गए ताके उसकै खात्तर जगहां त्यार करै। 53 पर उन माणसां नै उस ताहीं उतरण कोनी दिया, क्यूँके वो यरुशलेम जावै था। 54 न्यू देखकै उसके चेल्लें याकूब अर यूहन्ना नै कह्या, “हे प्रभु, तू के चाहवै सै के हम हुकम देवां, के अकास तै आग गिरकै उननै भस्म करदे?” 55 पर उसनै बोहड़कै उन ताहीं धमकाया (अर कह्या, “थम न्ही जाणदे के थम किसी आत्मा के सो। क्यूँके माणस का बेट्टा लोग्गां नै जान तै मारण कोनी आया, बल्के उननै बचाण आया सै।”) 56 अर वे किसे दुसरे गाम म्ह चले गये।
यीशु का चेल्ला बणण का मूल्य
57 जिब वे राह म्ह जावै थे, तो किसे नै उसतै कह्या, “जित्त-जित्त तू जावैगा, मै तेरे पाच्छै हो ल्यूँगा।”
58 यीशु नै उसतै कह्या, “लोमड़ियां की घुरखाण अर अकास के पंछियाँ के बसेरे हो सै, पर माणस के बेट्टे खात्तर सिर छिपाण की भी जगहां कोनी।”
59 उसनै दुसरे तै कह्या, “मेरै पाच्छै हो ले।” उसनै कह्या, “हे प्रभु, पैहले मन्नै घर जाणदे, मै अपणे पिता के मरण कै बाद उस ताहीं दफना के आऊँगा, फेर तेरा चेल्ला बणुगाँ।”
60 उसनै उसतै कह्या, “जो आत्मिक रूप तै मर चुके सै, उननै मुर्दे दफणाण दे। पर तू जाकै परमेसवर कै राज्य की कथा सुणा।”
61 एक और नै भी कह्या, “हे प्रभु, मै तेरे पाच्छै हो लूँगा, पर पैहल्या मन्नै जाणदे के अपणे घर के माणसां तै बिदा ले आऊँ।”
62 यीशु नै उसतै कह्या, “जो कोए अपणा हाथ हळ पै धरकै पाच्छै देक्खै सै, वो परमेसवर के राज्य कै जोग्गा कोनी।”