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कनान देश की सीमा
फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “इस्राएलियों को यह आज्ञा दे: कि जो देश तुम्हारा भाग होगा वह तो चारों ओर की सीमा तक का कनान देश है, इसलिए जब तुम कनान देश* 34:2 कनान देश: यहाँ कनान नाम उस क्षेत्र को दिया गया है जो यरदन के पश्चिम का क्षेत्र हैं। में पहुँचो, तब तुम्हारा दक्षिणी प्रान्त सीन नामक जंगल से ले एदोम देश के किनारे-किनारे होता हुआ चला जाए, और तुम्हारी दक्षिणी सीमा खारे ताल के सिरे पर आरम्भ होकर पश्चिम की ओर चले; वहाँ से तुम्हारी सीमा अक्रब्बीम नामक चढ़ाई के दक्षिण की ओर पहुँचकर मुड़े, और सीन तक आए, और कादेशबर्ने के दक्षिण की ओर निकले, और हसरद्दार तक बढ़के अस्मोन तक पहुँचे; फिर वह सीमा अस्मोन से घूमकर मिस्र के नाले तक पहुँचे, और उसका अन्त समुद्र का तट ठहरे।
“फिर पश्चिमी सीमा महासमुद्र हो; तुम्हारी पश्चिमी सीमा यही ठहरे।
“तुम्हारी उत्तरी सीमा यह हो, अर्थात् तुम महासमुद्र से ले होर पर्वत 34:7 होर पर्वत: लबानोन पर्वत का पश्चिम शिखर जिसकी लम्बाई 80 मील की हैं। तक सीमा बाँधना; और होर पर्वत से हमात की घाटी तक सीमा बाँधना, और वह सदाद पर निकले; फिर वह सीमा जिप्रोन तक पहुँचे, और हसरेनान पर निकले; तुम्हारी उत्तरी सीमा यही ठहरे।
10 “फिर अपनी पूर्वी सीमा हसरेनान से शपाम तक बाँधना; 11 और वह सीमा शपाम से रिबला तक, जो ऐन के पूर्व की ओर है, नीचे को उतरते-उतरते किन्नेरेत नामक ताल के पूर्व से लग जाए; 12 और वह सीमा यरदन तक उतरकर खारे ताल के तट पर निकले। तुम्हारे देश की चारों सीमाएँ ये ही ठहरें।”
13 तब मूसा ने इस्राएलियों से फिर कहा, “जिस देश के तुम चिट्ठी डालकर अधिकारी होंगे, और यहोवा ने उसे साढ़े नौ गोत्र के लोगों को देने की आज्ञा दी है, वह यही है; 14 परन्तु रूबेनियों और गादियों के गोत्र तो अपने-अपने पितरों के कुलों के अनुसार अपना-अपना भाग पा चुके हैं, और मनश्शे के आधे गोत्र के लोग भी अपना भाग पा चुके हैं; 15 अर्थात् उन ढाई गोत्रों के लोग यरीहो के पास यरदन के पार पूर्व दिशा में, जहाँ सूर्योदय होता है, अपना-अपना भाग पा चुके हैं।”
देश बाँटने वाले प्रधान
16 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 17 “जो पुरुष तुम लोगों के लिये उस देश को बाँटेंगे उनके नाम ये हैं एलीआजर याजक और नून का पुत्र यहोशू। 18 और देश को बाँटने के लिये एक-एक गोत्र का एक-एक प्रधान ठहराना। 19 और इन पुरुषों के नाम ये हैं यहूदागोत्री यपुन्ने का पुत्र कालेब, 20 शिमोनगोत्री अम्मीहूद का पुत्र शमूएल, 21 बिन्यामीनगोत्री किसलोन का पुत्र एलीदाद, 22 दान के गोत्र का प्रधान योग्ली का पुत्र बुक्की, 23 यूसुफियों में से मनश्शेइयों के गोत्र का प्रधान एपोद का पुत्र हन्नीएल, 24 और एप्रैमियों के गोत्र का प्रधान शिप्तान का पुत्र कमूएल, 25 जबूलूनियों के गोत्र का प्रधान पर्नाक का पुत्र एलीसापान, 26 इस्साकारियों के गोत्र का प्रधान अज्जान का पुत्र पलतीएल, 27 आशेरियों के गोत्र का प्रधान शलोमी का पुत्र अहीहूद, 28 और नप्तालियों के गोत्र का प्रधान अम्मीहूद का पुत्र पदहेल।” 29 जिन पुरुषों को यहोवा ने कनान देश को इस्राएलियों के लिये बाँटने की आज्ञा दी वे ये ही हैं।

*34:2 34:2 कनान देश: यहाँ कनान नाम उस क्षेत्र को दिया गया है जो यरदन के पश्चिम का क्षेत्र हैं।

34:7 34:7 होर पर्वत: लबानोन पर्वत का पश्चिम शिखर जिसकी लम्बाई 80 मील की हैं।