स्तोत्र. 136. याहवेह का धन्यवाद करो, क्योंकि वे भले हैं, परम परमेश्वर के प्रति आभार अभिव्यक्त करो. उनके प्रति, जो प्रधानों के प्रधान हैं, आभार अभिव्यक्त करो: उनके प्रति, जिनके अतिरिक्त अन्य कोई अद्भुत कार्य कर ही नहीं सकता, जिन्होंने अपनी सुबुद्धि से स्वर्ग का निर्माण किया, जिन्होंने जल के ऊपर पृथ्वी का विस्तार कर दिया, जिन्होंने प्रखर प्रकाश पुंजों की रचना की, दिन के प्रभुत्व के लिए सूर्य का, रात्रि के लिए चंद्रमा और तारों का; उन्हीं के प्रति, जिन्होंने मिस्र देश के पहलौठों की हत्या की, और उनके मध्य से इस्राएल राष्ट्र को बाहर निकाल लिया, सशक्त भुजा और ऊंची उठी हुई बांह के द्वारा; उन्हीं के प्रति, जिन्होंने लाल सागर को विभक्त कर दिया था और उसके मध्य की भूमि से इस्राएलियों को पार करवा दिया, किंतु फ़रोह और उसकी सेना को सागर ही में डुबो दिया; उन्हीं के प्रति, जिन्होंने अपनी प्रजा को बंजर भूमि से पार कराया; जिन्होंने प्रख्यात राजाओं की हत्या की, जिन्होंने सशक्त राजाओं का वध कर दिया, अमोरियों के राजा सीहोन का, बाशान के राजा ओग का, तथा उनकी भूमि निज भाग में दे दी, अपने सेवक इस्राएल को, निज भाग में दे दी, उन्हीं के प्रति, जिन्होंने हमारी दुर्दशा में हमारी सुधि ली, और हमें हमारे शत्रुओं से मुक्त किया, जो सब प्राणियों के आहार का प्रबंध करते हैं, स्वर्गिक परमेश्वर के प्रति आभार अभिव्यक्त करो,