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शाऊल को दिल को बदलनो
(प्रेरितों २२:६-१६; २६:१२-१८)
1 शाऊल जो अब तक प्रभु को चेलां ख धमकान अऊर मार डालन की धुन म होतो, महायाजक को जवर गयो 2 अऊर ओको सी दमिश्क को आराधनालयों को नाम पर या बात की चिट्ठियां मांगी कि का पुरुष का बाई, जिन्ख ऊ यो पंथ पर पाये उन्ख बान्ध क यरूशलेम ले आये।
3 पर चलतो चलतो जब ऊ दमिश्क को जवर पहुंच्यो, त अचानक आसमान सी ओको चारयी तरफ ज्योति चमकी, 4 अऊर ऊ जमीन पर गिर पड़्यो अऊर यो आवाज सुन्यो, “हे शाऊल, हे शाऊल, तय मोख कहाली सतावय हय?”
5 ओन पुच्छ्यो, “हे प्रभु, तय कौन आय?”
ओन कह्यो, “मय यीशु आय, जेक तय सतावय हय 6 पर अब उठ क नगर म जाव, अऊर जो तोख करनो हय ऊ तोरो सी कह्यो जायेंन।”
7 जो आदमी ओको संग होतो, हि सन्न रह्य गयो; कहालीकि आवाज त सुनत होतो पर कोयी ख देखत नहीं होतो। 8 तब शाऊल जमीन पर सी उठ्यो, पर जब आंखी खोली त ओख कुछ नहीं दिख्यो, अऊर हि ओको हाथ पकड़ क दमिश्क म ले गयो। 9 ऊ तीन दिन तक नहीं देख सक्यो, अऊर नहीं खायो अऊर नहीं पीयो।
10 दमिश्क म हनन्याह नाम को एक चेला होतो, ओन दर्शन देख्यो कि प्रभु न ओको सी कह्यो, “हे हनन्याह!”
“हव मय, प्रभु आय।”
11 तब प्रभु न ओको सी कह्यो, “उठ क वा गली म जाव जो ‘सीधी’ कहलावय हय, अऊर यहूदा को घर म शाऊल नाम को एक तरसुस वासी ख पूछ; कहालीकि देख, ऊ प्रार्थना कर रह्यो हय, 12 अऊर ओन हनन्याह नाम को एक पुरुष ख अन्दर आवतो अऊर अपनो ऊपर हाथ रखतो देख्यो हय; ताकि फिर सी देख पाये।”
13 हनन्याह न उत्तर दियो, “हे प्रभु, मय न यो आदमी को बारे म बहुत सो सी सुन्यो हय कि येन यरूशलेम म तोरो पवित्र लोगों को संग बड़ी-बड़ी बुरायी करी हंय; 14 अऊर इत भी येख महायाजक को तरफ सी अधिकार मिल्यो हय कि जो लोग तोरो नाम लेवय हंय, उन पूरो ख बान्ध लेवो।”
15 पर प्रभु न ओको सी कह्यो, “तय चली जा; कहालीकि उत गैरयहूदियों अऊर राजावों अऊर इस्राएलियों को आगु मोरो नाम प्रगट करन लायी मोरो चुन्यो हुयो पात्र हय। 16 अऊर मय ओख बताऊ कि मोरो नाम लायी ओख कसो कसो दु:ख उठावनो पड़ेंन।”
17 तब हनन्याह उठ क ऊ घर म गयो, अऊर ओको पर अपनो हाथ रख क कह्यो, “हे भाऊ शाऊल, प्रभु, यानेकि यीशु, जो ऊ रस्ता म, जित सी तय आयो तोख दिखायी दियो होतो, ओनच मोख भेज्यो हय कि तय फिर नजर पाये अऊर पवित्र आत्मा सी परिपूर्न होय जाये।” 18 अऊर तुरतच ओकी आंखी सी छिलका को जसो गिरयो अऊर ऊ देखन लग्यो, अऊर उठ क बपतिस्मा लियो।
दमिश्क म शाऊल द्वारा प्रचार
19 फिर जेवन कर क् ताकत पायो। ऊ कुछ दिन उन चेलां को संग रह्यो जो दमिश्क म होतो। 20 अऊर ऊ तुरतच आराधनालयों म यीशु को प्रचार करन लग्यो कि ऊ परमेश्वर को बेटा हय।
21 सब सुनन वालो चकित होय क कहन लग्यो, “का यो उच आदमी नोहोय जो यरूशलेम म उन्ख जो यो नाम ख लेत होतो, नाश करत होतो; अऊर इत भी येकोलायी आयो होतो कि उन्ख बान्ध क महायाजक को जवर लिजाये?”
22 पर शाऊल अऊर भी सामर्थी होत गयो, अऊर या बात को सबूत दे क कि मसीह योच आय, दमिश्क को रहन वालो यहूदियों को मुंह बन्द करतो रह्यो।
23 ✡ ९:२३ २ कुरिन्थियों ११:३२,३३जब बहुत दिन भय गयो, त यहूदियों न मिल क ओख मार डालन की साजीश रचा। 24 पर उन्को साजीश शाऊल ख मालूम भय गयो। हि त ओख मार डालन लायी रात दिन द्वारों पर मारन की ताक म लग्यो रहत होतो। 25 पर रात को ओको चेलां न ओख टोकनी म बैठायो, अऊर दिवार पर सी उतार दियो।
यरूशलेम म शाऊल
26 यरूशलेम म पहुंच क ओन चेलां को संग मिल जान को कोशिश करयो; पर सब ओको सी डरत होतो, कहालीकि उन्ख विश्वास नहीं होत होतो, कि ऊ भी चेला आय। 27 पर बरनबास न ओख अपनो संग प्रेरितों को जवर लिजाय क उन्ख बतायो कि येन कसो तरह सी रस्ता म प्रभु ख देख्यो, अऊर ओन येको सी बाते करी; तब दमिश्क म येन कसो हिम्मत सी यीशु को नाम सी प्रचार करयो। 28 ऊ उन्को संग यरूशलेम म आतो-जातो रह्यो 29 अऊर बेधड़क होय क प्रभु को नाम सी प्रचार करत होतो; अऊर यूनानी भाषा बोलन वालो यहूदियों को संग बातचीत अऊर वाद-विवाद करत होतो; पर हि ओख मार डालन की कोशिश करन लग्यो। 30 यो जान क भाऊ ओख कैसरिया ले आयो, अऊर तरसुस ख भेज दियो।
31 यो तरह पूरो यहूदिया, अऊर गलील, अऊर सामरियां म मण्डली ख सन्तुष्ट भयो, अऊर ओकी उन्नति होत गयी; अऊर ऊ प्रभु को डर अऊर पवित्र आत्मा की शान्ति म चलती अऊर बढ़ती गयी।
लुद्दा अऊर याफा नगर म पतरस
32 तब असो भयो कि पतरस हर जागा फिरतो हुयो, उन पवित्र लोगों को जवर भी पहुंच्यो जो लुद्दा म रहत होतो। 33 उत ओख एनियास नाम को एक लकवा को रोगी मिल्यो, जो आठ साल सी खटिया पर पड़्यो होतो। 34 पतरस न ओको सी कह्यो, “हे एनियास! यीशु मसीह तोख चंगो करय हय। उठ, अपनो बिस्तर बिछाव।” तब ऊ तुरतच उठ खड़ो भयो। 35 तब लुद्दा अऊर शारोन को सब रहन वालो ओख देख क प्रभु को तरफ फिरे।
36 याफा म तबीता यानेकि दोरकास नाम को एक विश्वासिनी रहत होती। वा बहुत सो अच्छो अच्छो काम अऊर दान करत होती। 37 उन दिन म वा बीमार होय क मर गयी; अऊर उन्न ओख नहलाय क ऊपर को कमरा म रख दियो। 38 येकोलायी कि लुद्दा याफा को जवर होतो, चेलां न यो सुन क कि पतरस उत हय, दोय आदमी भेज क ओको सी बिनती करी, “हमरो जवर आवनो म देर मत कर।” 39 तब पतरस उठ क उन्को संग भय गयो, अऊर जब ऊ पहुंच्यो त हि ओख वा ऊपर को कमरा म लिजायो। पूरी विधवा रोवती हुयी ओको जवर आय क खड़ी भयी, अऊर जो कुरता अऊर कपड़ा दोरकास न उन्को संग रहतो हुयो बनायो होतो, दिखान लगी। 40 तब पतरस न सब क् बाहेर कर दियो, अऊर घुटना टेक क प्रार्थना करी अऊर लाश को तरफ देख क कह्यो, “हे तबीता, उठ।” तब ओन अपनी आंखी खोल दी; अऊर पतरस ख देख क उठ बैठी। 41 ओन हाथ दे क ओख उठायो, अऊर पवित्र लोगों अऊर विधवावों ख बुलाय क ओख जीन्दो दिखाय दियो। 42 या बात पूरो याफा म फैल गयी; अऊर बहुत सो न प्रभु पर विश्वास करयो। 43 अऊर पतरस याफा म शिमोन नाम को कोयी चमड़ा को धन्दा करन वालो को इत बहुत दिन तक रह्यो।