13
पाप सी मन फिरावो यां नाश हो
1 ऊ समय कुछ लोग आय पहुंच्यो, अऊर यीशु उन गलील को लोगों को बारे म की चर्चा करन लग्यो जेको खून पिलातुस न उन्कोच बलिदानों को संग मिलायो होतो। 2 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “का तुम समझय हय कि यो गलीली अऊर पूरो गलीलियों सी बहुत पापी होतो कि उन पर असी मुसीबत म पड़यो? 3 मय तुम सी कहू हय कि; यदि तुम पाप सी मन नहीं फिरावो त तुम पूरो योच तरह सी नाश होयेंन। 4 का तुम समझय हय कि हि अठरा लोग जेको पर शीलोह को गुम्मट गिरयो, अऊर हि दब क मर गयो: यरूशलेम को अऊर पूरो रहन वालो सी अधिक अपराधी होतो? 5 मय तुम सी कहू हय कि नहीं; पर यदि तुम अपनो पापों सी मन नहीं फिरावो त तुम पूरो योच तरह सी नाश होयेंन।”
बिना फर अंजीर को झाड़ को दृष्टान्त
6 तब यीशु न यो दृष्टान्त भी कह्यो: “कोयी को अंगूर को बाड़ी म एक अंजीर को झाड़ लग्यो हुयो होतो। यीशु उन्म फर ढूंढन आयो, पर नहीं पायो। 7 तब ओन बाड़ी को रख वालो सी कह्यो, ‘देख, तीन साल सी मय यो अंजीर को झाड़ म फर ढूंढन आऊं हय, पर नहीं पाऊ हय। येख काट डाल! कि यो जागा ख भी कहालीकि रोक क रखय?’ 8 पर रख वालो न उत्तर दियो, ‘हे मालिक, येख यो साल अऊर रहन दे कि मय येको चारयी तरफ खोद क खाद डालू। 9 यदि आवन वालो साल म फरय त ठीक, नहीं त ओख काट डालजो।’ ”
आराम दिन म कुबड़ी बाई ख चंगो करनो
10 आराम दिन ख ऊ एक आराधनालय म उपदेश कर रह्यो होतो। 11 उत एक बाई होती जेक अठरा साल सी एक कमजोर करन वाली दुष्ट आत्मा लगी होती, अऊर वा कुबड़ी भय गयी होती अऊर कोयी तरह सी सीधी नहीं होय सकत होती। 12 यीशु न ओख देख क बुलायो अऊर कह्यो, “हे नारी, तय अपनी कमजोरी सी चंगी भय गयी हय!” 13 तब ओन ओको पर हाथ रख्यो, अऊर वा तुरतच सीधी भय गयी अऊर परमेश्वर की महिमा करन लगी।
14 येकोलायी कि यीशु न आराम दिन ख ओख अच्छो करयो होतो, यहूदी आराधनालय को मुखिया गुस्सा म आय क लोगों सी कहन लग्यो, “छे दिन हंय जेको म काम करन ख होना, येकोलायी उनच दिनो म आय क चंगो हो, पर आराम दिन म नहीं।”
15 यो सुन क प्रभु न उत्तर दियो, “हे कपटियों! का आराम दिन म तुम म सी हर एक अपनो बईल यां गधा ख थान सी खोल क पानी पिलावन नहीं लिजावय? 16 त वा बाई जो अब्राहम की सन्तान हय जेक शैतान न अठरा साल सी बान्ध रख्यो होतो, आराम दिन ख यो बन्धन सी छुड़ायो जानो जरूरी नहीं?” 17 ओको उत्तर सी ओको पूरो विरोधी शर्मिन्दा भय गयो, अऊर पूरी भीड़ उन महिमा को कामों सी जो ऊ करत होतो, खुश भयी।
राई को दाना को दृष्टान्त
(मत्ती १३:३१,३२; मरकुस ४:३०-३२)
18 यीशु न कह्यो, “परमेश्वर को राज्य कौन्को जसो हय? अऊर मय ओकी तुलना कौन्को सी करू? 19 ऊ राई को एक दाना को जसो हय, जेक कोयी आदमी न ले क अपनो खेत म बोयो, अऊर ऊ बढ़ क झाड़ भय गयो, आसमान को पक्षिंयों न ओकी डगालियों पर घोसला बनाय लियो।”
खमीर को दृष्टान्त
(मत्ती १३:३३)
20 यीशु न तब कह्यो, “मय परमेश्वर को राज्य की तुलना कौन्को सी करू? 21 ऊ खमीर को जसो हय, जेक एक बाई न कुछ खमीर ले क बहुत सो आटा म मिलायो, अऊर पूरो आटा खमीर भय गयो।”
सकरो द्वार
(मत्ती ७:१३-१४,२१-२३)
22 यीशु नगर नगर, अऊर गांव-गांव होय क उपदेश करतो हुयो यरूशलेम को तरफ जाय रह्यो होतो, 23 त कोयी न ओको सी पुच्छ्यो, “हे प्रभु, का उद्धार पावन वालो थोड़ो हंय?”
यीशु न उन्को सी कह्यो, 24 “सकरो द्वार सी सिरन की कोशिश करो; कहालीकि बहुत सो लोग सिरनो चाहेंन, अऊर नहीं सिर सकेंन। 25 जब घर को मालिक खड़ो होय क दरवाजा बन्द कर देनो पर; अऊर तुम बाहेर खड़्यो हुयो दरवाजा खटखटाय क कहन लग्यो, ‘हे प्रभु, हमरो लायी खोल दे,’ अऊर ऊ उत्तर दे, ‘मय तुम्ख नहीं जानु, तुम कित को होय?’ 26 तब तुम उत्तर देयेंन, ‘हम न तोरो आगु खायो-पीयो; अऊर तय न हमरो शहर म उपदेश करयो!’ 27 पर ऊ फिर सी कहेंन, ‘मय नहीं जानु तुम कित को हय? हे कुकर्मियों, तुम सब मोरो सी दूर हय!’ 28 ✡ १३:२८ मत्ती २२:१३; २५:३०; मत्ती ८:११,१२उत रोवनो अऊर दात कटरनो होयेंन; जब तुम अब्राहम अऊर इसहाक अऊर याकूब अऊर सब भविष्यवक्तावों ख परमेश्वर को राज्य म बैठ्यो देखो, अऊर अपनो आप ख बाहेर देखो; 29 अऊर पूर्व अऊर पश्चिम, उत्तर अऊर दक्षिन सी, लोग आय क परमेश्वर को राज्य को भोज म सहभागी होयेंन। 30 ✡ १३:३० मत्ती १९:३०; २०:१६; मरकुस १०:३१कुछ पिछलो हंय ऊ पहिलो होयेंन, अऊर कुछ जो पहिलो हंय, ऊ पिछलो होयेंन।”
यीशु को यरूशलेम लायी प्रेम
31 उच समय कुछ फरीसियों न यीशु को जवर आय क ओको सी कह्यो, “इत सी निकल क चली जा, कहालीकि हेरोदेस तोख मार डालनो चाहवय हय।”
32 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “जाय क ऊ लोमड़ी सी कह्य दे कि देख; ‘मय अज अऊर कल दुष्ट आत्मावों ख निकालू अऊर बीमारों ख चंगो करू हय, अऊर तीसरो दिन अपनो कार्य पूरो करू।’ 33 तब भी मोख अज, कल, अऊर परसो चलनो जरूरी हय; कहालीकि होय नहीं सकय कि कोयी भविष्यवक्ता यरूशलेम को बाहेर मारयो जाये।
यरूशलेम लायी शोक
(मत्ती २३:३७-३९)
34 “हे यरूशलेम, हे यरूशलेम! तय जो भविष्यवक्तावों ख मार डालय हय, अऊर जो परमेश्वर को तरफ सी भेज्यो गयो उन्को पर पथराव करय हय। कितनोच बार मय न यो चाह्यो कि जसो मुर्गी अपनो पिल्ला ख अपनो पंखा को खल्लो जमा करय हय, वसोच मय भी तोरो बच्चां ख जमा करू, पर तुम न यो नहीं चाह्यो। 35 तुम्हरो घर तुम्हरो लायी प्रकाश पड़्यो हय, अऊर मय तुम सी कहू हय: जब तक तुम नहीं कहो, ‘धन्य हय ऊ, जो प्रभु को नाम सी आवय हय,’ तब तक तुम मोख फिर कभी नहीं देखो।”