प्रकाशितवाक्य. 13. तेबे मैं एक डांगर समुद्रो ते निकल़दा ऊआ देखेया, जेसरे दस सींग और सात सिर थे। तेसरे सातो सिरा पाँदे दस राजमुकुट थे और तेसरे हर सिरो पाँदे परमेशरो री निन्दा रे नाओं लिखी राखे थे। जो डांगर मैं देखेया, से चीत्ते जेड़ा था, तेसरे पैर पालूओ जेड़े थे, मूँ शेरो जेड़ा था। तिने अजगरे आपणी सामर्थ, आपणा सिंहासन और बड़ा अक्क तेसखे देईता। मैं तेस डांगरो रे सिरो बीचा ते एकी पाँदे एक बड़ा-पारी जख्म देखेया, मानो से मरने वाल़ा ए, तेबे तेसरे प्राण लणे वाल़ा जख्म ठीक ऊईगा और सारी तरतिया रे लोक तेस पीछे-पीछे अचम्बा करदे ऊए चले। तिने अजगरो री पूजा कित्ती, कऊँकि तिने डांगरो खे आपणा अक्क देईता था और ये बोली की डांगरो री पूजा कित्ती कि, “एस डांगरो जेड़ा कूणे? कुण एस साथे लड़ी सकोआ?” तेस डांगरो खे त्वाल़िया मारने खे और परमेशरो री निन्दा करने खे अक्क दित्तेया। तेसखे बयाल़ी मीन्ने तक काम करने रा अक्क दित्तेया। तिने डांगरे परमेशरो री निन्दा करने खे मूँ खोलेया कि तेसरा नाओं और तेसरा तम्बू, मतलब स्वर्गो रे रणे वाल़ेया री निन्दा करो। तेस डांगरो खे ये अक्क दित्तेया कि परमेशरो रे लोका साथे लड़ो, तिना पाँदे जय पाओ। तेसखे हर एक कुल़, लोक, पाषा और जातिया पाँदे अक्क दित्तेया। तरतिया रे सब रणे वाल़ेया तेस डांगरो री पूजा करनी मतलब सेयो लोक जिना रे नाओं दुनिया री शुरूआता तेई तेस मिन्टूए री जीवनो री कताबा रे नि लिखी राखे थे। से मिन्टू ईए जो काई राखेया था। जो समजी सकोआ से तिजी खे त्यानो साथे सुणो और मानी बी लओ। जेसखे कैदा रे पड़ना ए, से कैदा रे पड़ना, जो तलवारी ते बाओगा, जरूरी ए कि से तलवारी की काया जाणा, परमेशरो रे लोका रा सब्र और विश्वास इदे ई आए। तेबे मैं एक ओर डांगर तरतिया ते निकल़दे ऊए देखेया, तेसरे मिन्टूए जेड़े दो सींग थे और से अजगरो जेड़ा बोलो था। ये तेस पईले डांगरो रा सारा अक्क तेस सामणे कामो रे ल्याओ था और तरती और तिदे रणे वाल़ेया ते तेस पईले डांगरो री पूजा कराओ था, जेसरे प्राण लणे वाल़ा जख्म ठीक ऊईगा था। ये दूजा डांगर बड़े-बड़े चिह्न् दखाओ था, एथो तक ई मांणूआ सामणे सर्गो ते तरतिया पाँदे आगी री बरखा करी देओ था। तिना बड़े-बड़े चिह्न् री बजअ ते, जो तेस डांगरो सामणे दखाणे रा अक्क तेसखे दित्तेया था, से तरतिया पाँदे रणे वाल़ेया खे ईंयां भरमाओ था कि तरतिया रे रणे वाल़ेया खे बोलो था कि जेस डांगरो रे तलवार लगी थी, से जिऊँदा ऊईगा रा, तेसरी मूरत बणाओ। तेस दूजे डांगरो खे तेस पईले डांगरो री मूरता रे प्राण पाणे रा अक्क दित्तेया, ताकि डांगरो री मूरत बोलणे लगो और जितणे लोक तेस डांगरो री मूरता री पूजा नि करो, तिना खे काई देओ। तेबे तिने दूजे डांगरे सबी लोका खे छोटा या बड़ा, अमीर या गरीब और आजाद या दास सबी रे दाँणे आथो रे या तिना रे माथे पाँदे पईले डांगरो री छाप लगाणे के मजबूर कित्तेया। ताकि तेसखे छाडी की, जेस पाँदे छाप, मतलब-तेस डांगरो रा नाओं या तेसरे नाओं रा अंक ओ और दूजा कोई लेण-देण नि करी सको। इजी खे समजणे खे दमाको री जरूरत ए। पर जेसगे दमाक ए से ये पता लगाई सकोआ कि एस डांगरो रे अंको रा क्या मतलब ए। कऊँकि ये एक मांणूए रा नाओं ए। और तेसरा अंक छे सौ छयाठ ए।