होसीअ
मुसन्निफ़ की पहचान
होसीअ की किताब के अक्सर पैग़ामात होसीअ के ज़रीए बोले गए थे। हम नहीं जानते कि उन्हें उस ने ख़ुद लिखे पर इतना जानते हैं कि उसके कलाम को ग़ालिबन उस के शागिरदों ने जमा किया जो इस बात के क़ायल थे कि होसीअ ख़ुदा की तरफ़ से बोलता था। होसीअ के नाम का मतलब है 'नजात‘ इस के अलावा किसी और नबी से ज़्यादा होसीअ नज़दीकी से अपनी शख़्सी ज़िन्दगी के साथ अपने पैग़ामात से जुड़ा हुआ था। एक औरत से शादी करने के ज़रिए वह जानता था कि वह आखि़र — ए — कार अपना भरोसा खो देगा, और अपने बच्चों को नाम रखने के ज़रीये अदालत के पैग़ामात को इस्राईल पर लाएगा। होसीअ का नबुव्वती कलाम उस के ख़ान्दान की ज़िन्दगी से बह निकला।
लिखे जाने की तारीख़ और जगह
इसके तस्नीफ़ की तारीख़ तक़रीबन 750 - 710 ई. पू. के बीच है।
होसीअ नबी के पैग़ामात जमा किए गए तालीफ़ व तर्तीब दिए गये और फिर नक़ल किए गये। यह साफ़ नहीं है कि यह तरीक़ — ए — अमल कब तकमील तक पहंचा था। मगर ग़ालिबन यह समझा जाता है कि यरूशलेम की बर्बादी से पहले यह काम पूरा हुआ था।
क़बूल कुनिन्दा पाने वाले
होसीअ के जुबानी पैग़ामात के नाज़रीन व सामईन शुमाली इस्राईल के लोग रहे होंगे। जब उनहोंने उन पैग़ामात को सुन लिया तो एक नबुवती अदालत की तंबीह या बाइस — ए — इबरत बतौर, एक तौबा की बुलाहट के लिए और बहाली के लिए एक वायदा बतौर था।
असल मक़सूद
होसीअ ने इस किताब को बनी इस्राईल और मौजूदा ईमानदारों को यह याद दिलाने के लिए लिखा कि ख़ुदा को हमारी वफ़ादारी की ज़रूरत है। कि यहवे ही एक सच्चा ख़ुदा है और वह बेतक़सीम वफ़ादारी की मांग करता है। गुनाह अदालत ले आता है होसीअ ने दर्दनाक अंजाम से दख़ल अंदाज़ी और गुलामी की बाबत ख़बरदार कराया ख़ुदा इंसानों जैसा नहीं कि एक वफ़ादारी का वायदा करे और फिर उसे तोड़ दे। बनी इस्राईल की बेवफ़ाई और फ़रेब के बावजूद भी ख़ुदा की मुहब्बत उनके लिए जारी रही और उन की बहाली के लिए एक रास्ता मुहय्या किया। होसीअ और गोमेर की शादी की अलामत बतौर पेशकश के ज़रिए बुतपरस्त क़ौम बनी इस्राईल के लिए ख़ुदा की मुहब्बत का किरदार गुनाह, अदालत और बख़शिश के प्यार के मुआमले में एक शान्दार मजाज़ पेश करता है।
मौज़’अ
बे — वफ़ाई
बैरूनी ख़ाका
1. होसी की बे — ईमान (बे — एत्क़ाद) बीवी — 1:1-11
2. ख़ुदा की सज़ा और इस्राईल का इन्साफ़ — 2:1-23
3. ख़ुदा अपने लोगों को छुटकारा देता है — 3:1-5
4. इस्राईल की बे — वफ़ाई और सज़ा — 4:1-10:15
5. ख़ुदा की मुहब्बत और इस्राईल की बहाली — 11:1-14:9
1
1 शाहान — ए — यहूदाह उज़्ज़ियाह और यूताम और आख़ज़ और हिज़क़ियाह और शाह ए — इस्राईल युरब'आम — बिन — यूआस के दिनों में ख़ुदावन्द का कलाम होसे'अ — बिन — बैरी पर नाज़िल हुआ।
होसे'अ के बिवी बच्चे
2 जब ख़ुदावन्द ने शुरू' में होसे'अ के ज़रिए' कलाम किया, तो उसको फ़रमाया, “जा, एक बदकार बीवी और बदकारी की औलाद अपने लिए ले, क्यूँकि मुल्क ने ख़ुदावन्द को छोड़कर बड़ी बदकारी की है।” 3 तब उसने जाकर जुमर बिन्त दिबलाईम को लिया; वह हामिला हुई, और बेटा पैदा हुआ। 4 और ख़ुदावन्द ने उसे कहा, उसका नाम यज़र'एल रख, क्यूँकि मैं 'अनक़रीब ही याहू के घराने से यज़र'एल के खू़न का बदला लूँगा, और इस्राईल के घराने की सल्तनत को ख़त्म करूँगा। 5 और उसी वक़्त यज़र'एल की वादी में इस्राईल की कमान तोडूँगा। 6 वह फिर हामिला हुई, और बेटी पैदा हुई। और ख़ुदावन्द ने उसे फ़रमाया, कि “उसका नाम लूरहामा रख, क्यूँकि मैं इस्राईल के घराने पर फिर रहम न करूँगा कि उनको मु'आफ़ करूँ। 7 लेकिन यहूदाह के घराने पर रहम करूँगा, और मैं ख़ुदावन्द उनका ख़ुदा उनको रिहाई दूँगा और उनको कमान और तलवार और लड़ाई और घोड़ों और सवारों के वसीले से नहीं छुड़ाऊँगा।” 8 और लूरहामा का दूध छुड़ाने के बा'द, वह फिर हामिला हुई और बेटा पैदा हुआ। 9 और उसने फ़रमाया, कि उसका नाम लो'अम्मी रख; क्यूँकि तुम मेरे लोग नहीं हो, और मैं तुम्हारा नहीं हूँगा। 10 तोभी बनी — इस्राईल दरिया की रेत की तरह बेशुमार — ओ — बेक़ियास होंगे, और जहाँ उनसे ये कहा जाता था, तुम मेरे लोग नहीं हो, ज़िन्दा ख़ुदा के फ़र्ज़न्द कहलाएँगे। 11 और बनी यहूदाह और बनी — इस्राईल आपस में एक होंगे, और अपने लिए एक ही सरदार मुक़र्रर करेंगे। और इस मुल्क से खुरूज करेंगे, क्यूँकि यज़र'एल का दिन 'अज़ीम होगा।