ज़बूर
<
117
>
117
1
ऐ क़ौमो सब ख़ुदावन्द की हम्द करो! करो!
ऐ उम्मतो! सब उसकी सिताइश करो!
2
क्यूँकि हम पर उसकी बड़ी शफ़क़त है;
और ख़ुदावन्द की सच्चाई हमेशा है ख़ुदावन्द की हम्द करो।
ज़बूर
<
117
>
© 2019 BCS