ज़बूर. 149. रब की हम्द हो! रब की तमजीद में नया गीत गाओ, ईमानदारों की जमात में उस की तारीफ़ करो। इसराईल अपने ख़ालिक़ से ख़ुश हो, सिय्यून के फ़रज़ंद अपने बादशाह की ख़ुशी मनाएँ। वह नाचकर उसके नाम की सताइश करें, दफ़ और सरोद से उस की मद्हसराई करें। क्योंकि रब अपनी क़ौम से ख़ुश है। वह मुसीबतज़दों को अपनी नजात की शानो-शौकत से आरास्ता करता है। ईमानदार इस शानो-शौकत के बाइस ख़ुशी मनाएँ, वह अपने बिस्तरों पर शादमानी के नारे लगाएँ। उनके मुँह में अल्लाह की हम्दो-सना और उनके हाथों में दोधारी तलवार हो ताकि दीगर अक़वाम से इंतक़ाम लें और उम्मतों को सज़ा दें। वह उनके बादशाहों को ज़ंजीरों में और उनके शुरफ़ा को बेड़ियों में जकड़ लेंगे ताकि उन्हें वह सज़ा दें जिसका फ़ैसला क़लमबंद हो चुका है। यह इज़्ज़त अल्लाह के तमाम ईमानदारों को हासिल है। रब की हम्द हो!